04/8/25 UP:- उत्तरप्रदेश के चर्चित पुलिस अफसर अनुज चौधरी समेत 19 डिप्टी एसपी का प्रमोशन होगा। साल 2006 से 2012 बैच के डिप्टी एसपी जल्दी ही अपर पुलिस अधीक्षक पद पर प्रोन्नत हो जाएंगे। इसके लिए डीपीसी हो गई है। 29 डिप्टी एसपी का नाम डीपीसी के लिए गया था लेकिन इनमें 19 डिप्टी एसपी को प्रोन्नत करने पर ही सहमति बनी है। अब इनके नाम अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजे जाएंगे।
अनुज चौधरी 2012 बैच के पीपीएस अधिकारी हैं और खेल कोटे से चयनित हुए थे। 2005 में उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। अनुज चौधरी का नाम बीते वर्ष तब सुर्खियों में आया जब शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान वह गोली लगने से घायल भी हो गए थे। होली और जुमा एक् ही दिन पड़ने पर अनुज चौधरी ने बैठक के दौरान बयान दिया था कि ‘साल में होली एक बार आती है और जुमा 52 बार, जिसे रंग से परहेज है, वह घर से बाहर न निकले।’ इस बयान ने काफी विवाद खड़ा कर दिया था।
हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके इस बयान का समर्थन किया था, जिससे अनुज की छवि सख्त और स्पष्टवादी अधिकारी के तौर पर सामने आई। इन दिनों अनुज चौधरी चन्दौसी सर्किल के सीओ हैं। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि अनुज चौधरी का प्रमोशन हो गया है लेकिन अभी सूची जारी नहीं हुई है।
धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने पर हुई थी शिकायत
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने अनुज चौधरी के खिलाफ शिकायत की थी कि वे वर्दी पहनकर धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हुए, जो आचार संहिता का उल्लंघन है। हालांकि जांच के बाद उन्हें क्लीन चिट दे दी गई और फाइल बंद कर दी गई। सूत्रों के अनुसार, शनिवार को विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक हुई जिसमें 29 डिप्टी एसपी के नामों पर चर्चा की गई। इनमें अनुज चौधरी का नाम भी शामिल है। प्रमोशन की सूची जल्द ही शासन स्तर से जारी की जाएगी।
COअनुज चौधरी को लेकर जहां विभागीय स्तर पर उनके कार्यों की सराहना होती रही है, वहीं कुछ विवादों के कारण वे आलोचनाओं के घेरे में भी रहे। बावजूद इसके, वे अपने निर्णयों और नेतृत्व क्षमता को लेकर लगातार चर्चा में बने रहे हैं।
उधर, उन पीपीएस अफसरों में रोष है जो डिप्टी एसपी हैं लेकिन उनकी नौकरी के 12 साल पूरा न होने पर उन्हें प्रोन्नति नहीं दी जा रही है। पीपीएस एसोसिएशन को ये अफसर कई बार कह चुके हैं कि इस बाधा को दूर कराया जाए क्योंकि विभाग में एएसपी के कई पद रिक्त चल रहे हैं। कुछ समय पहले 12 साल के नियम को शिथिल करने के लिए प्रस्ताव शासन को गया था लेकिन उसे स्वीकृति नहीं मिली थी।