01/8/25 :- राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने अमेरिका द्वारा द्विपक्षीय व्यापार को लेकर भारत के उत्पादों पर पचीस फीसदी शुल्क लगाए जाने की घोषणा को देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक कहा है। उन्होने कहा कि भारत पाक सैन्य तनाव को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार बार सीजफायर को लेकर यह पीएम मोदी की चुप्पी का खामियाजा है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हौदी मोदी, नमस्ते ट्रंप तथा अबकी बार ट्रंप सरकार का पहले नारा दिया। उन्होने कहा कि जब अमेरिका में राष्ट्रपति बदल गये तब पीएम ने उन्हें एक मंहगा तोहफा भेंट किया।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि ऐसा करके प्रधानमंत्री मोदी ने देश की स्थापित विदेश नीति को तोड़ा। उन्होने कहा कि देश के लिए राष्ट्रीय नीति सदैव सर्वोपरि हुआ करती है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री के विश्वगुरू बनने की चाहत में देश की अर्थव्यवस्था अब तबाही की कीमत चुका रहा है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि अमेरिका की इस भारी टैरिफ के चलते डायमण्ड, आटो मोबाइल्स, फार्मासुटिकल्स जैसे चार उद्योग संस्थानों को गहरी चोट पहुंचायी है।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि संसद सत्र में लोकसभा में प्रधानमंत्री ट्रंप के सीजफायर के दावे को सीधे तौर पर नकार नही सके। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण के ठीक बाद तीसवीं बार भी ट्रंप ने सीजफायर का दावा जताकर पीएम के मंसूबे पर पानी फेर दिया। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि पीएम को इंदिरा गांधी से सीख लेनी चाहिए। उन्होने कहा कि इंदिरा गांधी के कार्यकाल में देश ने कभी भी अंर्तराष्ट्रीय मामलो में अमेरिकी दबाव स्वीकार नही किया।
उन्होने कहा कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान के साथ तेल भण्डारण समझौता किया जाना भी उसका खतरनाक मापदण्ड है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि रूस और अरब देशों से भारत को सस्ता तेल मिल रहा है। उन्होने कहा कि ऐसे में प्रधानमंत्री को इंदिरा गांधी के कार्यकाल की तरह दृढ़ता के साथ अमेरिकी दबाव को माकूल जबाब देना चाहिए।
उन्होने कहा कि पीएम न जाने क्यूं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से डरे हुए है। वहीं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने संसद सत्र में आपरेशन सिन्दूर को लेकर पीएम के द्वारा राज्यसभा में जबाब न देने को लोकतंत्र के लिए काला दिन भी करार दिया है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री दिल्ली में मौजूद होते हुए भी राज्यसभा में जबाब देने न पहुंचकर अपनी जबाबदेही से पलायन किया है। उन्होने कहा कि पीएम के द्वारा राज्यसभा की उपेक्षा करते हुए सीधे तौर पर संसदीय परम्पराओं का अपमान किया गया है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की भी घेराबंदी करते हुए राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि गृहमंत्री का सदन में जबाब देते समय यह कहना कि इनको तो हम ही निपटा देंगे घोर आपत्तिजनक है। उन्होने सवाल उठाया कि गृहमंत्री का राज्यसभा में इस प्रकार का बयान क्या लोकतांत्रिक संवाद की भाषा है? उन्होने यह भी सवाल दागा कि क्या यही संसद की गरिमा है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा है कि मोदी सरकार की अव्यवहारिक अर्थनीति तथा अपरिपक्व विदेशनीति के चलते देश की साख पर लगातार आंच आ रही है।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी का बयान मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से गुरूवार को निर्गत किया गया है।