जयपुर में 2008 में हुए “सीरियल बम ब्लास्ट” मामले में 4 दोषियों को उम्र कैद की सज़ा, घनी आबादी में 9 बम विस्फोट किए थे 8वां मंदिर के पास वाला निष्कृय हो गया था

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8/3/25 राजस्थान:- 13 मई, 2008 को जयपुर में शृंखलाबद्ध सात बम विस्फोट किए गए थे। विस्फोट 12 मिनट की अवधि के भीतर घनी आबादी वाले स्थलों पर किए गए थे।आठवाँ मंदिर के पास वाला बम निष्कृय पाया गया। प्रारंभिक सूचनाओं में मृतकों कि संख्या 60 बताई गई थी।

जयपुर के 2008 सीरियल बम ब्लास्ट मामले में चारों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. कोर्ट ने इसको लेकर 600 पेज का विस्तृत फैसला जारी किया है. 13 मई 2008 को जयपुर में हुए 8 सीरियल बम धमाकों के बाद नौंवा बम चांदपोल बाजार में मिला था. यह बम ब्लास्ट से 15 मिनट पहले डिफ्यूज कर लिया गया था, जिससे कई लोगों की जान बची थी।

दरअसल जयपुर में करीब 17 साल पहले, 13 मई 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था. इस दौरान चांदपोल के रामचंद्र मंदिर के पास जिंदा बम मिला था. इसी मामले में आज ये फैसला आया है. जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत में जज रमेश कुमार जोशी ने जिंदा बम प्लांट करने के मामले में चारों दोषियों को लेकर फैसला सुनाया है।

112 लोगों के बयान दर्ज किये

इस ब्लास्ट में 71 लोगों की जान गयी थी। इसके अलावा 183 लोग घायल हुए थे। पुलिस ने इस मामले में 112 लोगों के बयान दर्ज किये थे और 1200 डॉक्यूमेंट पेश किये थे। जिनको ये आजीवन कारावास की सजा हुई है ,इन्ही आतंकियों को पहले फांसी की सजा हुई थी लेकिन बाद में राजस्थान हाईकोर्ट ने मार्च 2023 में सभी को बरी कर दिया था।

राजस्थान की विशेष अदालत ने सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को दोषी माना था. सभी चारों दोषियों को IPC की 4, UAPA की 2 और विस्फोटक अधिनियम की 3 धाराओं में दोषी करार दिया गया. कोर्ट ने आरोपियों को IPC की धारा 120 बी, 121 ए, 124 ए, 153 ए और 307, साथ ही UAPA की धारा 13 और 18 में दोषी माना है।

सरकारी वकील ने कहा

सरकारी वकील सागर तिवाड़ी ने उम्रभर जेल में रखने की सजा की मांग की थी. उन्होंने कहा ये गंभीरतम अपराध है, किसी भी तरह की नरमी नहीं होनी चाहिए।

बचाव पक्ष के वकील

बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आरोपी 15 साल से जेल में बंद हैं ,और 8 मामलों में बरी हो चुके हैं. अदालत ने इन दलीलों को खारिज करते हुए अधिकतम सजा सुनाई. शाहबाज को छोड़ अन्य तीनों को पहले सीरियल ब्लास्ट केस में फांसी मिली थी. लेकिन बाद में राजस्थान हाईकोर्ट ने मार्च 2023 में सभी को बरी कर दिया था. मामला अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

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