वाराणसी छात्र गैंगरेप मामले में पुलिस अफ़सर पर गिरी गाज ,DCP चंद्रकांत मीना हटाए गए ,अन्य अधिकारीयों पर भी हो सकता है एक्शन
15/3/25 वाराणसी:- छात्रा से हुए दिल दहला देने वाले गैंगरेप मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के 17 दिन बाद, जांच में लापरवाही के चलते आखिरकार बड़ा एक्शन हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्त नाराजगी के चौथे दिन, DCP वरुणा चंद्रकांत मीना को उनके पद से हटा दिया गया। सोमवार देर रात उन्हें वाराणसी से लखनऊ DGP ऑफिस अटैच कर दिया गया। सूत्रों की मानें तो DCP मीना ने मामले की शुरुआत में ठोस कदम नहीं उठाए और न ही लापरवाह थाना प्रभारी व दरोगा के खिलाफ कोई रिपोर्ट दी, जिसके चलते यह कार्रवाई हुई। खबर है कि जल्द ही 3-4 और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
पुलिसिया कार्यवाही में अब तक क्या-क्या हुआ?
पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए 23 में से 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी 10 की पहचान हो चुकी है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है। जल्द ही इस मामले में चार्जशीट दायर होने की उम्मीद है। साथ ही, आरोपियों के डीएनए सैंपल लिए गए हैं, जो जांच में अहम साबित हो सकते हैं।
पीएम मोदी सख्त
शुक्रवार को अपने 50वें वाराणसी दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने इस मामले को गंभीरता से लिया। एयरपोर्ट पर ही उन्होंने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से मामले की पूरी जानकारी मांगी और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। पीएम ने कहा कि सभी दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
कौन हैं DCP चंद्रकांत मीना ?
2018 बैच के IPS अधिकारी चंद्रकांत मीना राजस्थान के अलवर के रहने वाले हैं। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले मीना 2022 से वाराणसी में तैनात थे। पहले ADCP काशी जोन और फिर DCP क्राइम के पद पर रहे, इसके बाद उन्हें DCP वरुणा जोन की जिम्मेदारी दी गई थी। 2023 में उन्हें DG सिल्वर मेडल से सम्मानित किया गया था। इससे पहले बरेली में भू-माफिया के खिलाफ उनकी कार्रवाई चर्चा में रही थी।
पीड़िता की हालत
पीड़ित छात्रा की हालत गंभीर बनी हुई है। उसे 11 अप्रैल को दीनदयाल महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में पता चला कि वह हेपेटाइटिस B पॉजिटिव है और उसकी बीमारी गंभीर अवस्था में है। लंबे समय तक नशे के प्रभाव के चलते उसे जॉन्डिस हो गया है और ब्लड काउंट भी कम है। उसकी मेडिकल हिस्ट्री आज BHU ट्रॉमा सेंटर और IMS-BHU को भेजी जाएगी, जहां बड़े विशेषज्ञों की राय के बाद इलाज शुरू होगा।
इस मामले ने न केवल वाराणसी, बल्कि पूरे देश में आक्रोश पैदा किया है। पीएम की सीधी निगरानी और पुलिस की सक्रियता से उम्मीद है कि पीड़िता को जल्द न्याय मिलेगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस नीतियां बनेंगी? समाज और प्रशासन को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई और बेटी ऐसी त्रासदी का शिकार न बने।