29/7/25:- पुराणों में ऐसी मान्यता है की आस्तिक-आस्तिक कहने से सर्प दूर भाग जाते हैं:– पं ओम प्रकाश पांडे
नाग पंचमी की बहुत-बहुत बधाई बहुत-बहुत मंगल कामनाएं। श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने का नाग पंचमी विशेष दिवस है। द्वापर के जाने और कलयुग के आगमन के समय राजा परीक्षित को श्राप के कारण कश्यप ऋषि के पुत्र तक्षक नाग ने डस लिया था।
राजा परीक्षित को उस समय शुकदेव मुनि ने श्रीमद्भागत कथा श्रवण कराया। जिसके कारण उन्होंने स्वयं समाधि लगाकर प्राण उत्सर्ग कर लिया। जिस समय तक्षक ने काट लिया था उसी समय वैकुंठ लोक से विमान आया और उसी पर बैठकर राजा परीक्षित भगवान के परमधाम को चले गए।
इधर नागों से नाराज होकर परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने सांपों को समाप्त करने के लिए यज्ञ किया। जिसमें तमाम सर्प ब्राह्मण के द्वारा आवाहित मंत्रों पर उस यज्ञ कुंड में गिरने लगे। मंत्रों के सामने तक्षक कमजोर पड़ गया और वह भी हवन कुंड की ओर चलने लग। जरत्कारु मुनि के पुत्र आस्तिक ऋषि ने राजा जन्मेजय को समझाया और उस सांपों के यज्ञ को समाप्त करने वाले यज्ञ को रोक दिया।
जिस दिन यज्ञ रोका गया उस दिन श्रावण मास कृष्ण पक्ष की पंचमी थी। इसीलिए नाग पंचमी मनाई जाती है ।यदि कहीं कोई सांप दिखाई पड़े और आप आस्तिक आस्तिक कहेंगे तो वह सर्प आपसे दूर चले जाएंगे इसीलिए आज सांपों की पूजा भी की जाती है।
अनंत, वासुकी, शेषनाग, पद्मनाभ, कंबल, शंखपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक और कालिया यह नाग देवता के प्रमुख 9 नाम माने गए हैं। शेष भगवान की 1000 फण हैं और बासुकी के 100फण हैं ।आपके जीवन में भगवान शेष की कृपा सदा बनी रहे आपको सुख शांति समृद्धि की प्राप्ति हो यही प्रार्थना है।