01/12/25 :- भारत की आज़ादी के दौरान बना राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने पर संसद के शीतकालीन सत्र में विशेष चर्चा का आयोजन किया जाएगा. लोकसभा में इसी सप्ताह गुरुवार या शुक्रवार को यह चर्चा होगी, जिसके लिए 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस विशेष बहस में भाग लेंगे. यह चर्चा स्वतंत्रता संग्राम के इस प्रेरक गीत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करेगी।
NDA सदस्यों ने की जोरदार वकालत
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा 30 नवंबर को बुलाई गई ऑल-पार्टी मीटिंग और लोकसभा व राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में इस प्रस्ताव पर सहमति बनी. राज्यसभा में भी सत्ताधारी दलों के सदस्यों ने इसकी जोरदार वकालत की. सरकार ने इसे राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बताते हुए सभी दलों को इसमें भाग लेने का न्योता दिया है.
वंदे मातरम’ को 1950 में भारत गणराज्य के राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया था. इसे 1870 के दशक में बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा संस्कृतनिष्ठ बंगाली में लिखा गया था. यह गीत बंकिम चंद्र चटर्जी के बंगाली उपन्यास आनंदमठ का ही हिस्सा है, जिसे पहली बार 1882 में प्रकाशित किया गया था. यह गीत भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रमुख प्रेरणा स्रोत बना.
‘वंदे मातरम‘ गीत के 150 वर्ष
इस गीत की रचना के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर केंद्र सरकार ने विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया था. पीएम मोदी ने हाल ही में ‘वंदे मातरम’ को स्वतंत्रता संग्राम की अमर धरोहर बताते हुए युवाओं से इसका गान करने की अपील की थी।
लोकसभा बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में कांग्रेस ने विशेष गहन संशोधन (SIR) और चुनावी सुधारों पर बहस की मांग की, लेकिन सरकार ने वंदे मातरम को प्राथमिकता दी. तृणमूल कांग्रेस ने ‘वंदे मातरम’ पर लोकसभा में विशेष चर्चा का समर्थन किया.
विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक सोमवार सुबह मल्लिकार्जुन खाड़गे के कार्यालय में इस मुद्दे पर रणनीति तय करेगा. बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 15 बैठकें होंगी. शीतकालीन सत्र में 10 नए विधेयक पेश किए जाएंगे, जिनमें परमाणु ऊर्जा, उच्च शिक्षा, राष्ट्रीय राजमार्ग और बीमा क्षेत्र के सुधार शामिल हैं. इसके अलावा, 2025-26 के लिए प्रथम अनुपूरक अनुदान मांगों पर भी चर्चा होगी।