24/5/25 प्रतापगढ़:- जिला कृषि अधिकारी अशोक कुमार ने जनपद के समस्त कृषकों से अपील करते हुये कहा कि खरीफ मौसम में उर्द एवं मूंग की उन्नत खेती हेतु लाइन विधि (कतार बुवाई) से बुवाई कर दलहन उत्पादन बढ़ाकर किसान आय दोगुनी करने के सरकार के लक्ष्य को साकार कर सकते हैं। इससे न केवल उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि भूमि की उर्वरता भी बनी रहेगी। यह विधि पारंपरिक बिखेराव बुवाई की तुलना में 20-25 प्रतिशत अधिक उपज, कीट व रोग नियंत्रण के साथ-साथ संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित करती है।
उन्होने लाइन विधि के प्रमुख लाभ के सम्बन्ध में बताया है कि उर्द व मूंग की बुवाई हेतु कतार से कतार की दूरी 25-30 सेमी एवं पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी रखनी चाहिए। इससे पौधों को उचित पोषण, हवा एवं धूप मिलती है। निराई-गुड़ाई आसान होने से फसल स्वस्थ रहती है। लाइन बुवाई से पौधों के बीच उचित दूरी होने के कारण फसल में रोगों व कीटों का प्रभाव कम होता है। लाइन विधि से बोई गई फसल में खरपतवार नियंत्रण, सिंचाई एवं कटाई जैसे कार्य मशीनों से करना संभव होता है, जिससे श्रम व समय की बचत होती है। प्रति हेक्टेयर उर्द एवं मूंग हेतु 10-12 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है।
थीरम या कार्बेन्डाजिम से उपचारित बीज बोएं। राइजोबियम कल्चर का छिड़काव जैविक नाइट्रोजन स्थिरीकरण हेतु करें। बुवाई के समय 15 किग्रा नाइट्रोजन एवं 40 किग्रा एवं डीएपी/एसएसपी प्रति हेक्टेयर डालें। उर्द एवं मूंग की बुवाई जुलाई के तीसरे सप्ताह से अगस्त के प्रथम सप्ताह तक करें।