अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी फिर विवादों के घेरे में, हिन्दू छात्रों पर जानलेवा हमला कर पढ़वाया ‘कलमा’

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27/10/25 AMU:- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) में कट्टरपंथियों द्वारा एक हिंदू छात्र प्रशांत राठी पर देर शाम एएमयू कैंपस के अंदर हमला कर दिया. उस पर लात घूंसे बरसाए, पिस्टल की बट से मारा. यही नहीं कलमा पढ़ने का भी दबाव बनाया. यह घटना अल्लामा इकबाल हॉल के पास मिंटो सर्किल क्षेत्र की है. प्रशांत सिविल लाइन क्षेत्र के पुरानी चुंगी का रहने वाला है. वो एएमयू के राजा महल 11वीं कक्षा का छात्र है।

जानकारी के मुताबिक, कुल 5-6 छात्रों ने प्रशांत पर हमला किया. हमलावरों में मुख्य रूप से अरमान (मिंटो सर्किल का छात्र), सैफुल्लाह, दानिश आदि शामिल बताए जा रहे हैं. ये एएमयू के अन्य विभागों के छात्र हैं. प्रशांत अपने मित्र उजैफा से मिलने अल्लामा इकबाल हॉल गया था. अचानक हमलावरों ने उसे घेर लिया. अरमान के हाथ में पिस्टल (बटल या रिवॉल्वर) थी, जिसकी बट से उसके सिर पर हमला किया गया. अन्य हमलावरों ने मुक्कों और लातों से पीटा।

आरोप है कि हमलावरों ने उसे जबरन कलमा (ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर रसूलुल्लाह) पढ़ने का दबाव बनाया, जो धार्मिक रूपांतरण का प्रयास दर्शाता है. शोर-शराबा होने पर हमलावरों ने धमकी दी और भाग गए. प्रशांत के सिर में गंभीर चोट आई है

प्रशांत को तुरंत एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. देर रात उपचार के बाद छुट्टी मिली मिल गई. प्राक्टर कार्यालय में तहरीर दर्ज की गई, जिसमें 5-6 हमलावरों के नाम बताए गए. प्रॉक्टर प्रो. एम. वसीम अली ने कहा कि तहरीर के आधार पर हमलावरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. एएमयू प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।

कलमा पढ़ने का बनाया दबाव

इंस्पेक्टर सिविल लाइन पंकज मिश्रा ने पुष्टि की कि छात्र की पिटाई की सूचना मिली थी. सिर की चोटों की मेडिकल रिपोर्ट ली गई है. तहरीर के आधार पर एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है. पुलिस ने कैंपस में निगरानी बढ़ा दी है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी की खबर नहीं है. सूत्रों की माने तो यह मामला छात्रों के बीच आपसी टेंशन (पुरानी दुश्मनी) और किसी लड़की को लेकर विवाद हो सकता है या यह व्यक्तिगत रंजिश से जुड़ा हो सकता है, लेकिन कलमा पढ़ने का दबाव धार्मिक रंग जोड़ता है।

एएमयू में हिंदू-मुस्लिम छात्रों के बीच कभी-कभी छोटे-मोटे विवाद होते रहते हैं, खासकर लड़कियों की दोस्ती या कैंपस इवेंट्स को लेकर. हालांकि, यह घटना गंभीर लग रही है. एएमयू एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है, जहां छात्र सभी धर्मों के होते है. हिंदू छात्रों की संख्या कम है (करीब 10-15%), लेकिन विश्वविद्यालय सभी के लिए खुला है. हाल के वर्षों में कैंपस में धार्मिक तनाव की घटनाएं (जैसे 2022 में हिंदू छात्र पर हमला, 2025 में दीवाली विवाद) रिपोर्ट हुई हैं, जो सामाजिक सद्भाव को प्रभावित करती हैं।

पिटाई के बाद से ही डरा हुआ है छात्र

प्रशांत की हालत स्थिर है, लेकिन वह डरा हुआ है. परिवार ने पुलिस से त्वरित न्याय की मांग की है. एएमयू प्रशासन ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है. प्रॉक्टर कार्यालय ने हमलावर छात्रों को नोटिस जारी करने की बात कही है।

क्या बोले प्रॉक्टर डॉक्टर वसीम अली?

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर डॉक्टर वसीम अली ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशांत की शिकायत उनके पास भी आई है. आरोपी छात्रों के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है. उन्होंने कहा- मारपीट करने वाले छात्र वर्तमान में कुछ एएमयू के छात्र भी हैं और कुछ पास आउट करके चले भी गए हैं. झगड़े के पीछे कोई ना कोई वजह होती है. लेकिन जांच के बाद ही क्लियर होगा की झगड़े की मुख्य वजह क्या है. झगड़ा कलमा पढ़ने की वजह से हुआ है या कोई अन्य वजह रही है, यह जांच के बाद क्लियर हो पाएगा।

केंद्र सरकार व उप्र सरकार से सवाल

सवाल यह है की AMU में हिन्दू छात्रों के साथ ऐसी कितनी ही घटनाएँ पूर्व में भी घटित हो चुकी हैं ,और हर बार प्रशासन द्वारा जाँच के नाम पर कोई ठोस कार्यवाही न होने के कारण इस प्रकार के कट्टरपंथी विचारधारा जैसे अपराधी मानसिकता रखने वाले छात्रों के हौसले बुलंद होते रहते हैं।

क्या अब समय नहीं आ गया की सरकार को अब इस प्रकार की संस्थाओं को बंद कर देना चाहिए या इसको संशोधित कर नई व्यवस्था की जाये ,जिससे यह कट्टरपंथी विचारधारा जैसी सोच रखने वालों का ‘हब’ न बन पाए।

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