खनिजों के क्षेत्र में तेजी से विकास सुनिश्चित किया जाए  – मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश

मुख्य सचिव, उ०प्र० शासन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को  लोक भवन में उनके कार्यालय कक्ष मे खनिजों के क्षेत्र में तेजी से विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्य खनिज ब्लाक के एल०ओ०आई०(लेटर आफ इन्टेन्ट) धारकों के साथ में बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें श्रीमती माला श्रीवास्तव सचिव/निदेशक, भूतत्व एवं खनिकर्म, उ०प्र०, लखनऊ एवं श्री अरूण कुमार, विशेष सचिव, भूतत्व एवं खनिकर्म उ०प्र० शासन भी उपस्थित रहे। श्रीमती माला श्रीवास्तव, सचिव द्वारा उपलब्ध मुख्य खनिज के ब्लाकों के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि मुख्य खनिज प्रदेश में मुख्यतः जनपद ललितपुर व सोनभद्र में उपलब्ध हैं एवं उपलब्ध मुख्य खनिजों के कुल 24 ब्लाकों के सम्बन्ध में विस्तार से बताया गया। इन ब्लाकों का अन्वेषण कार्य जीएसआई, (जियोलॉजिकल  सर्वे आफ इंडिया)एमईसीएल (मिनिरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन लिमिटेड)एवं डीजीएम( भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग), यू.पी. द्वारा किया गया है। खान मंत्रालय, भारत सरकार के खनिज (नीलामी) नियम, 2015 में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत अब तक ई-निविदा के माध्यम से जनपद ललितपुर में राक फास्फेट के उत्खनन हेतु 01 ब्लाक माइनिंग लीज (एमएल) के लिये स्वीकृति प्रदान की गई व राक फास्फेट के 04 ब्लाक, लौह अयस्क के 02 ब्लाक, स्वर्ण धातु के 02 ब्लाक व 01 ब्लाक ग्लूकोनाइट के लिये सीएल(कम्पोजिट  लाइसेंस)हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। इस प्रकार कुल 10 ब्लाकों के आक्शन की कार्यवाही की गई है।

स्थानीय स्तर पर रोजगार होगे सृजित

मुख्य सचिव महोदय द्वारा आक्शन किये गये ब्लाकों से सम्बन्धित एल ओ आई(लेटर आफ इन्टेन्ट )होल्डर से प्रगति की समीक्षा कर उनकी समस्याओं के विषय में विस्तृत चर्चा की गई। मुख्य सचिव द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि निर्धारित समय के अन्तर्गत अन्वेषण कार्य पूर्ण कर लिया जाए व आवश्यक एन०ओ०सी० से सम्बन्धित कार्यवाही पूर्ण कर ली जाए। सचिव, भूतत्व एवं खनिकर्म, उ०प्र० द्वारा यह अवगत कराया गया कि शीघ्र ही 03 ब्लाकों के एन०आई०टी०(नेशन इनवाइटेड  टेण्डर)प्रकाशन की कार्यवाही की जाएगी। सिलिमेनाइट, एण्डालुसाइट के 06 ब्लाकों के ग्रेड के सम्बन्ध में जवाहर लाल नेहरू अनुसंधान विकास एवं अभिकल्प केन्द्र में  खनिजों के ग्रेड की वर्तमान व्यावसायिक उपयोगिता के दृष्टिगत परीक्षण कराया जा रहा है। ब्लाकों में खनन कार्य प्रारम्भ होने पर प्रदेश में उर्वरक उद्योग, लौह इस्पात एवं स्वर्ण धातु उद्योगों हेतु कच्चा माल उपलब्ध होगा, राज्य को राजस्व प्राप्त होगा साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

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