24/6/25 लखनऊ:- इटावा में कथावाचकों के साथ जातिगत दुर्व्यवहार का मामला राजनीतिक रूप से तूल पकड़ता जा रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में पीड़ित कथावाचकों को सम्मानित किया और इस घटना को लेकर भाजपा और सरकार पर जमकर निशाना साधा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा पॉलिटिकल फायदे के लिए घटनाओं को होने देती है और समय रहते कार्रवाई नहीं करती। उन्होंने वर्चस्ववादी ताकतों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे पीडीए समाज से चढ़ावा न लें, अगर उन्हें उनकी भागीदारी स्वीकार नहीं है।
इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा-अखिलेश
अखिलेश ने इटावा में कथावाचकों के साथ हुई मारपीट को “प्रभुत्ववादी मानसिकता” का नतीजा बताया। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सभी लोग भागवत कथा सुन सकते हैं तो क्या वे सुनाने का अधिकार नहीं रखते? उन्होंने कहा कि सच्चे कृष्ण भक्तों को कथा कहने से रोकना, उनका अपमान है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
घटना के बाद वायरल हुए वीडियो में कथावाचकों की पिटाई, बाल काटने और नाक रगड़वाने जैसी अमानवीय हरकतें सामने आई हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश ने कहा कि अगर बाबा साहब के संविधान के अनुसार फैसला लिया जाए तो गरीब, गांव और अल्पसंख्यक समुदायों को न्याय और सम्मान मिलेगा, लेकिन भाजपा सरकार न्याय से वंचित कर रही है।
लोगों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्चस्ववादी लोगों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि वे पीडीए वर्ग के लोगों के साथ भेदभाव और अपमानजनक व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण मानसिकता है कि जब कोई दलित या पिछड़ा व्यक्ति धार्मिक ज्ञान प्राप्त करता है, तो उसे हाशिए पर धकेल दिया जाता है। उन्होंने भाजपा पर ऐसी सोच को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
अखिलेश ने पीड़ित कथावाचकों को 21-21 हजार रुपये की राशि देकर सम्मानित किया। इसके साथ सपा की ओर से 51-51 हजार रुपये की अतिरिक्त सहायता देने की घोषणा की। प्रेस वार्ता में सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने भी भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया।
स्थानीय जनता ने खोली कथावाचक की पोल
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर खुद स्थानीय जनता ने ही अखिलेश यादव और उनके कथावाचक की पोल खोल कर रख दी है. स्थानीय युवक जो की खुद यादव समाज से है उसने कहा-“हिस्टीशीटर है कथावाचक ,लड़कियों को छेड़ता है और कथावाचक पर हत्या का भी आरोप है।”
“जुठ बोल रहे हैं अखिलेश यादव ये उनकी पुरानी आदत है, हिस्टीशीटरों को बचने और उनको सम्मानित करने की।”