01/12/25 Nepal Currency:- नेपाल की करेंसी पर भारत के क्षेत्र को अपनी कर्रेंसी पर दिखाए (छापने) जाने पर बढ़े विवाद के बाद नेपाल सरकार की नियत का एक बार फिर से खुलासा हुआ है. नेपाल सरकार ने अपनी करेंसी के नए नोट छापने का कॉन्ट्रैक्ट एक चीनी सरकारी कंपनी को देने का फैसला किया है. इस फैसले के बाद नेपाल की मुद्रा छपाई अब चीन के नियंत्रण वाली फर्म के जरिए होगी.
नेपाली अधिकारियों के अनुसार नोटों की प्रिंटिंग आधुनिक तकनीक और सुरक्षा फीचर्स के साथ की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह चीनी कंपनी को सौंपी गई है।
भारतीय क्षेत्र को अपना हिस्सा दिखाया
इसी बीच, नए करेंसी डिज़ाइन में भारत के साथ सीमा विवाद से जुड़े क्षेत्र कालापानी को लेकर नक्शा शामिल किए जाने की चर्चा ने दोनों देशों के बीच टकराव को और गहरा दिया है. नेपाल के प्रस्तावित नोटों में कालापानी क्षेत्र को अपना हिस्सा दिखाए जाने को भारत पहले भी सिरे से खारिज कर चुका है. नए प्रिंटिंग कॉन्ट्रैक्ट के साथ यह मुद्दा फिर से कूटनीतिक बहस का केंद्र बन गया है।
भारत-नेपाल संबंधों में नक्शा विवाद पहले से संवेदनशील विषय रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि करेंसी प्रिंटिंग का ठेका चीन को देना और नोटों में विवादित नक्शा प्रदर्शित करने की संभावित योजना, क्षेत्रीय राजनीति और कूटनीति में नए समीकरणों को जन्म दे सकती है. भारत सरकार और विदेश मंत्रालय इस घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
नेपाल ने अपने ₹100 के नए बैंक नोट पर भारत के तीन क्षेत्रों – कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा – को नेपाल का हिस्सा दिखाते हुए एक नया, विवादास्पद मानचित्र छापा है। यह भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद को फिर से उजागर करता है, क्योंकि ये इलाके भारत के नियंत्रण में हैं।
विवादित क्षेत्र: यह नया नक्शा नेपाल की 2020 में संसद द्वारा अनुमोदित मानचित्र पर आधारित है, जिसमें उत्तराखंड के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा शामिल हैं।
भारत की प्रतिक्रिया: भारत ने इसे “एकतरफा और कृत्रिम विस्तार” कहकर विरोध दर्ज कराया है और कहा है कि ऐसे दावे ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं हैं।
अन्य नोट: यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि नेपाल के अन्य बैंक नोटों, जैसे ₹10, ₹50, ₹500 और ₹1,000, पर कोई मानचित्र नहीं है।
ऐतिहासिक संदर्भ: 1816 की सुगौली संधि के अनुसार, काली नदी के पश्चिमी हिस्से को भारत का इलाका माना गया था, जबकि नदी के पूर्वी हिस्से को नेपाल का। नदी के उद्गम स्थल को लेकर विवाद के कारण ये इलाके विवादित हैं।