21/5/25 दिल्ली :- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी साथ ही अन्य आरोपियों पर नेशनल हेराल्ड का मामला धन शोधन का प्रथम मामला बनता है। वही ईडी ने इसके साथ यह भी बताया है कि इस अपराध से प्राप्त 142 करोड़ रुपये का लाभ भी मिला है। केंद्रीय एजेंसी ने तर्क दिया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामला स्थापित किया गया है।
राउज एवेन्यू कोर्ट में विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष प्रारंभिक बहस के दौरान ये दलीलें दी गईं कि क्या अदालत को दो वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और अन्य आरोपियों के खिलाफ दर्ज ईडी की अभियोजन शिकायत पर ध्यान देना चाहिए।
यह शिकायत भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 2014 में दायर एक निजी आपराधिक शिकायत से उपजी है, जिस पर मजिस्ट्रेट अदालत ने जून 2014 में संज्ञान लिया था। ईडी ने औपचारिक रूप से 2021 में अपनी जांच शुरू की। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले के दस्तावेजों की प्रकृति का हवाला देते हुए जवाब देने के लिए समय का अनुरोध किया, जो लगभग 5,000 पृष्ठों में फैले हुए थे।
ईडी की शिकायत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड और दो अन्य संबंधित फर्मों को आरोपी बनाया गया है। एजेंसी का कहना है कि यंग इंडियन को अब बंद हो चुके नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और उसकी कथित 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों पर नियंत्रण पाने के लिए बनाया गया था।
आज की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने अदालत को बताया कि यंग इंडियन एक “ढोंगी संस्था” है, जिसे कांग्रेस पार्टी को दिए गए सार्वजनिक दान को निजी संपत्ति में बदलने के लिए बनाया गया है।
ईडी ने प्रस्तुत किया कि मामले में संपत्तियों की कुर्की नवंबर 2023 में की जाएगी। उसने कहा कि उस समय तक, आरोपी अपराध की आय पर कब्जा कर रहे थे और उसका आनंद ले रहे थे, जिसमें 142 करोड़ रुपये की किराये की आय भी शामिल थी।