हरियाणा के गुरुग्राम SHO पर महिला वकील से बलात्कार और दुर्व्यवहार का गंभीर आरोप, पुलिस की कार्यप्रणाली और उनकी शक्ति के दुरुपयोग को लेकर उठे गंभीर सवाल

25/5/25 :- हरियाणा के गुरुग्राम में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सेक्टर 50 पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) पर एक महिला वकील ने बलात्कार और दुर्व्यवहार का गंभीर आरोप लगाया है। दिल्ली पुलिस ने 22 मई को सब्जी मंडी थाने में जीरो FIR दर्ज की, जिसमें SHO और अन्य पुलिसकर्मियों पर बलात्कार, महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने, अपमान, चोट पहुंचाने और आपराधिक धमकी जैसे संगीन आरोप शामिल हैं। यह घटना न केवल पुलिस व्यवस्था की जवाबदेही पर सवाल उठाती है, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के प्रति गहरी चिंता को भी उजागर करती है।

क्या था पूरा मामला?

मामला 21 मई का है, जब तीस हजारी कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली एक वकील अपने क्लाइंट के साथ गुरुग्राम के सेक्टर 51 महिला पुलिस स्टेशन गई थीं। वहां उनके क्लाइंट की पत्नी द्वारा दर्ज एक मामले की जांच चल रही थी। जांच के बाद दिल्ली लौटते समय क्लाइंट की पत्नी ने वकील की कार रोकी और गाली-गलौज शुरू कर दी। उसने कार की खिड़की पर पत्थर भी फेंका। इस घटना के बाद वकील और उनके क्लाइंट ने पुलिस हेल्पलाइन 112 पर शिकायत की और सेक्टर 50 पुलिस स्टेशन पहुंचे।

लेकिन जो हुआ, वह किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। FIR के अनुसार, जब वकील का क्लाइंट शिकायत लिख रहा था, एक महिला कांस्टेबल ने उसे रोकने की कोशिश की। वकील द्वारा विरोध करने पर उसे जबरन SHO के कमरे में ले जाया गया। वहां SHO ने धमकाते हुए कहा, “तुम गुरुग्राम में हो, दिल्ली में नहीं। यहां रोज 365 वकील आते हैं। मैं तुम्हें वकालत सिखाऊंगा। तुम्हें हमारी ताकत नहीं पता, मैं जो चाहूंगा, वही करूंगा।” इसके बाद SHO ने कांस्टेबल को कमरा छोड़ने का आदेश दिया। वकील का आरोप है कि उसे रात 3-3:30 बजे तक हिरासत में रखा गया, जहां उसके साथ शारीरिक और मानसिक दुर्व्यवहार हुआ। अगली सुबह उसे पुलिस जमानत पर रिहा किया गया।

पुलिस की जवाबदेही पर सवाल

घटना के बाद गुरुग्राम पुलिस ने उल्टा वकील के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया, जो इस मामले को और जटिल बनाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, SHO या थाने के लैंडलाइन नंबर पर संपर्क नहीं हो सका, जिससे पुलिस की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। जीरो FIR को अब गुरुग्राम पुलिस को जांच के लिए हस्तांतरित किया जाएगा। इस मामले ने पुलिस की कार्यप्रणाली और उनकी शक्ति के दुरुपयोग को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

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