02/12/25 लखनऊ:- उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को कफ सिरप तस्करी के हाई-प्रोफाइल केस में बड़ी कामयाबी मिली है। लंबे समय से फरार चल रहे आरोपी और एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह को सोमवार को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया गया।
सूत्रों के मुताबिक, आलोक कुछ दिनों से सरेंडर करने की कोशिश में था, लेकिन उससे पहले ही STF ने खुफिया जानकारी के आधार पर दबिश देकर उसे पकड़ लिया।
इस पूरे रैकेट का मुख्य संचालक शुभम जायसवाल है, जो पहले ही दुबई फरार हो चुका है। जांच में खुलासा हुआ है कि इन दोनों को जौनपुर के एक कुख्यात बाहुबली का संरक्षण प्राप्त था। इतना ही नहीं, तस्करी के इस सिंडिकेट और बाहुबली के बीच कारोबारी रिश्ते भी थे। STF अब आलोक की करोड़ों रुपये की चल-अचल संपत्ति को कुर्क करने की तैयारी में जुट गई है, जो उसने महज कुछ सालों में अवैध कमाई से इकट्ठी की थी।
जांच में STF को पता चला कि आलोक प्रताप सिंह ने तस्करी को मजबूत करने के लिए वाराणसी में मां शारदा मेडिकल नाम की एक फर्म जनवरी 2024 में पंजीकृत कराई थी। कागजों पर लाखों रुपये का कारोबार दिखाया जाता था, जबकि वास्तव में यह फर्म कफ सिरप के अवैध लेनदेन को छिपाने का माध्यम थी। STF ने पहले ही इस रैकेट से जुड़े वाराणसी निवासी अमित टाटा को भी गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार, आलोक और शुभम का नेटवर्क अत्यंत संगठित था और पूरे पूर्वांचल में कफ सिरप की तस्करी को लेकर बड़ा सिंडिकेट खड़ा किया गया था।
आलोक प्रताप के खिलाफ कोर्ट से गैर-जमानती वारंट जारी होने वाला था और उसे भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी थी। STF को आशंका थी कि उसका अगला कदम विदेश भागना हो सकता है, इसलिए उससे पहले ही कड़ी निगरानी रखी गई।
कफ सिरप तस्करी का यह मामला पिछले कुछ महीनों से सुर्खियों में है और अब तक कई बड़े नाम सामने आ चुके हैं। STF का मानना है कि आलोक की गिरफ्तारी के बाद रैकेट में शामिल और भी प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।