13/12/25 :- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने तमिलनाडु में ISIS कट्टरपंथी केस में शुक्रवार को बड़ा एक्शन लिया है. इस मामले में NIA ने सात आरोपियों और एक रजिस्टर्ड सोसाइटी कोवई अरबी एजुकेशनल एसोसिएशन (KAEA) के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. यह मामला 2023 में दर्ज किए गए RC-01/2023/NIA/CHE केस से जुड़ा है, जिसकी शुरुआत कोयंबटूर कार बम विस्फोट (अक्टूबर 2022) की जांच से हुई थी।
NIA के मुताबिक, सप्लीमेंट्री चार्जशीट में IPC और UAPA की कई गंभीर धाराओं के तहत आरोप हैं. इससे पहले इसी केस में मद्रास अरबी कॉलेज के प्रिंसिपल जमील बाशा व अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर हो चुकी है. कोयंबटूर ब्लास्ट केस के 18 आरोपियों में से 14 कोवई अरबी कॉलेज के छात्र थे, जो KAEA सोसाइटी के अंतर्गत संचालित होता है. जिन 7 छात्रों पर सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर हुई है. उनमें मोहम्मद हुसैन, इरशाद, अहमद अली, अबू हनीफा, जवाहर सादिक, शेख दाऊद और राजा मोहम्मद शामिल हैं।
अरबी भाषा की आड़ में युवाओं को बना रहे थे कट्टरपंथी
आरोपियों में मोहम्मद हुसैन और इरशाद पहले ही ओरिजिनल चार्जशीट में आरोपी बनाए जा चुके थे, लेकिन अब उन पर और भी कड़े सेक्शन जोड़े गए हैं. NIA ने KAEA सोसाइटी को भी लीगल पर्सन के रूप में आरोपी बनाया है. वहीं एजेंसी की जांच में खुलासा हुआ है कि ISIS से प्रभावित यह समूह फ्री अरबी भाषा क्लास की आड़ में युवाओं को बहकाकर कट्टरपंथी विचारधारा की ओर धकेल रहा था।
Zoom, WhatsApp, Telegram पर ऑनलाइन क्लास
NIA ने के मुताबिक, आरोपी Zoom, WhatsApp, Telegram पर ऑनलाइन क्लास लेते थे. इसके अलावा जमील बाशा के लाइव और रिकॉर्डेड लेक्चर भी नियमित रूप से क्लासरूम सेशन के जरिए कट्टरपंथी उपदेश दिए जाते थे. इन माध्यमों का इस्तेमाल कर युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए उकसाया जा रहा था. NIA ने कहा कि वह इस नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए अपनी जांच लगातार जारी रखे हुए है।