दिनांक 11 अप्रैल 2025 प्रतापगढ़:-
वृक्ष पूरे भूमण्डल के मानव सहित जीव-जन्तुओं को जीवन सहित हर स्तर पर सहायक है। वृक्षों से जितनी आक्सीजन मिलती है, वह जिन्दगी देने के लिए महत्वपूर्ण है। वृक्षों से प्राप्त जीवनदायनी आक्सीजन के लिये हम सदैव प्रकृति के ऋणी है। जितना अधिक वृक्षारोपण होगा, उतना अधिक आक्सीजन का उत्सर्जन होगा।
आज यह आवश्यक है कि प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति पीपल, बरगद, पाकड, नीम सहित सभी प्रजातियों के पौधों का रोपण तथा वृक्ष के रूप में स्थापित होने तक उनका संरक्षण कर मानव जीवन तथा भावी पीढ़ी के लिए ऋण मुक्त हो। साथ ही कार्बन अवशोषण में वृक्षों की भूमिका का आम जन मानस भी जागृत हो आज यह आवश्यक है कि (मोरल एथिक्स) के साथ-साथ पर्यावरण नैतिकता (एनवायरमेंटल एथिक्स) की भावना को जागृत कर आक्सीजन टैंक तथा कार्बन सिंक में वृक्षों के महत्व पर आम जन मे जानकारी दी जाती रहे जिससे लोग वृक्षारोपण करते रहें।
प्रदेश सरकार द्वारा वनीकरण के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु जनमानस में वन एवं वृक्षों के संरक्षण के प्रति संवेदना व अभिरूचि उत्पन्न करते हुए वृक्षों से होने वाले लाभों को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुँचाया जा रहा है। इस हेतु जन सहभागिता के माध्यम से हरीतिमा संवर्धन एवं विस्तार के दृष्टिगत वृहद स्तर पर वृक्षारोपण एवं उनकी सुरक्षा व संरक्षण भी किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने आम जन-मानस में परिवार के हर सदस्य द्वारा एक पौधे का रोपण का संदेश प्रदेश सरकार के हर गांव में पहुंचा कर वृक्षारोपण कर रही है। प्रदूषण नियंत्रण में वृक्ष के महत्व पर जन जागरूकता वृक्ष वायुमण्डल से हानिकारक गैसों को हटाकर, ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित कर ग्रीन हाउस के प्रभाव को कम करने के साथ-साथ वायु की गुणवत्ता में सुधार करते है। पर्यावरण शुद्ध करने धूल व तापमान नियंत्रण व ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण में वृक्ष प्रजातियों पीपल, बरगद, पाकड़ गूलर, नीम, आम, जामुन, महुआ, इमली, अमलतास, अशोक, सहजन आदि सहायक हैं। आज पूरा विश्व इस बात से अवगत है कि किसी स्थान पर वृक्षावरण बढ़ाकर वहाँ की मृदा व भू-जल स्तर में सुधार, ऑक्सीजन की प्रचुरता द्वारा वायु की शुद्धता आदि से उस स्थान के माइक्रो क्लाइमेट में सुधार किया जा सकता है।