देश की सुरक्षा से खिलबाड़ न करे सोशल मीडिया- जेसीआई

7/5/25 लखनऊ:– वर्तमान समय में देश में सोशल मीडिया पर चल रही खबरें देश की सुरक्षा से खिलबाड़ करती नजर आ रही है। सरकार बार बार इसको लेकर गाइडलाइन जारी कर रही है। सरकार ने आईटी अधिनियम 2000 और ‘सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 सोशल मीडिया के लिए बनाये हैं । जिसका पालन न करने पर कार्यवाही तय है। इसके बावजूद कुछ लोग लगातार इसकी अनदेखी कर रहे हैं।
जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस पर चिंता जाहिर की है। जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया रजि0 के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ0 अनुराग सक्सेना ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि समाचार की विश्वस्तरीयता ही है जो समाचार को समाज में एक विशिष्ट स्थान प्रदान करती है, और पत्रकार को एक समाज में एक अलग पहचान दिलाती है। लेकिन फर्जी खबरों की परिघटना समाचार के मूल मूल्यों को निशाना बनाती है, जो असामाजिक तत्वों,अफवाह फैलाने वालों या उन उच्च और शक्तिशाली लोगों के निजी हितों को पोषित करती है, जो समाचार की आड़ में अपना निजी एजेंडा आगे बढ़ाते हैं,और जब फर्जी खबरों को डिजिटल पंख लग जाते हैं, तो यह वायरल पत्रकारिता में बदल जाती है।
यदि इसका दुरुपयोग किया जाता है, तो यह हिंसा और घृणा फैला सकती है, तबाही मचा सकती है और स्वस्थ समाज के लिए विनाशकारी साबित हो सकती है। आजकल फर्जी खबरें समाचार उद्योग के साथ-साथ समाज के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। इंटरनेट क्रांति ने फर्जी खबरों को फैलाने के लिए एक नरम आधार प्रदान किया है और यह गलत सूचना, भ्रामक समाचारों, अर्धसत्य और कभी-कभी अत्यधिक सनसनीखेज रिपोर्टिंग का प्राथमिक कारण बन गया है, जो जनता का ध्यान खींचने और उन्हें गुमराह करने के लिए किया जाता है। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर सूचना इतनी तेज गति से फैलती है कि गलत या झूठी सूचना पूरे देश में कुछ ही मिनटों में लाखों उपयोगकर्ताओं पर प्रभाव डालने का काम करती है। फ़ेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स और व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग ऐप अब फ़र्जी ख़बरें फैलाने के लिए उपजाऊ प्लेटफ़ॉर्म बनते नजर आ रहे है।
ऐसे में जरूरी है कि पत्रकार जल्दबाजी में और एक्सक्लूसिव खबरों के चलते बिना पुष्ठि किये समाचार को प्रसारित करने से बचें। हर पत्रकार को ध्यान रखना चाहिए कि समाचार की विश्वस्तरीयता ही पत्रकार की पहचान होती है और उसके लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए।

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