28/6/25 लखनऊ:- समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर अपने चुटीले अंदाज में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर पर निशाना साधा है. अखिलेश ने कहा, “उनका नाम ओपी राजभर नहीं, ओपी रातभर होना चाहिए” क्योंकि वो रातभर दल बदलने के बारे में सोचते रहते हैं. अखिलेश यादव का यह बयान सियासी हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है. उन्होंने यह टिप्पणी विपक्षी एकता और सत्ताधारी गठबंधन की खींचतान के संदर्भ में कही.
राजभर को लेकर विपक्षी दलों में असहजता
ओपी राजभर अकसर अपने बयानों और राजनीतिक रुख के कारण सुर्खियों में रहते हैं. कभी सपा के साथ तो कभी बीजेपी के करीब नजर आने वाले राजभर को लेकर विपक्षी दलों में असहजता बनी रहती है. अखिलेश का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब राज्य की राजनीति में गठबंधन की रणनीतियों को लेकर चर्चाएं तेज हैं.
उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव कथावाचक के साथ हुई मारपीट के मामले में ओमप्रकाश राजभर ने इसी निंदा की है. लेकिन साथ ही उन्होंने अपने बयान से एक नया विवाद भी खड़ा कर दिया है.
कथावाचक से हुई मारपीट पर दिया बयान
राजभर ने कहा, समाज में हर वर्ग का एक निर्धारित काम होता है. ब्राह्मणों का कार्य पूजा-पाठ और विवाह कराना है. ऐसे में यदि यादव समुदाय के लोग कथावाचन या पूजा-पाठ जैसे काम करते हैं, तो यह दूसरों के अधिकार में दखल माना जाएगा.
ओपी राजभर ने आगे आरोप लगाया कि कुछ लोग दो-दो आधार कार्ड बनवाकर दूसरों के हक छीनने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा, हर समाज को अपने हिस्से का काम करना चाहिए. यादवों को भी अपने पारंपरिक काम पर ध्यान देना चाहिए और दूसरों के क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. यही सामाजिक संतुलन के लिए जरूरी है.
राजभर के इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है और सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना भी शुरू हो गई है. विपक्षी दलों ने इसे जातिवादी और समाज को बांटने वाला बयान बताया है.