मदरसों में पढ़ने वालों को कोर्ट का ‘सुप्रीम’ झटका, डिग्रियों की मान्यता समाप्त

08/12/25 Supreme Court:- उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़ने वाले हजारों छात्रों का भविष्य इन दिनों अनिश्चितता में घिर गया है. सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले के बाद मदरसा बोर्ड द्वारा दी जाने वाली कामिल और फाजिल डिग्रियों की मान्यता समाप्त हो गई है. इससे हजारों छात्र वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था की ओर रुख करने को मजबूर हो गए हैं. कई छात्र अब सामान्य विश्वविद्यालयों से बीए और एमए करने की योजना बना रहे हैं, वहीं कुछ छात्र खुद को पूरी तरह ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बदली स्थिति

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा कामिल और फाजिल डिग्रियां देने की व्यवस्था को यूजीसी कानून का उल्लंघन बताया है. अदालत का कहना है कि केवल यूजीसी से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय ही स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रियां दे सकते हैं. इस फैसले के समय करीब 32 हजार छात्र इन पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर रहे थे. फैसले के बाद उनकी पढ़ाई और भविष्य दोनों पर सवाल खड़े हो गए हैं।

छात्र वैकल्पिक पढ़ाई की ओर
वाराणसी के मदरसा जामिया फारूकिया में फाजिल प्रथम वर्ष के छात्र सकलैन रजा का कहना है कि अब उन्हें अपने करियर को लेकर नए सिरे से सोचना पड़ रहा है. वह अपनी मौजूदा परीक्षा पूरी करने के बाद काशी विद्यापीठ से बीए करने की तैयारी कर रहे हैं. उनका कहना है कि आलिम की योग्यता से उन्हें प्रवेश तो मिल जाएगा, लेकिन कामिल और फाजिल में बिताया गया समय बेकार हो सकता है।

सिद्धार्थनगर के गुलाम मसीह, जो कामिल की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्होंने भी बीए और एमए करने का निर्णय लिया है. उन्हें उम्मीद है कि मदरसा छात्रों को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय से जोड़ने का मामला जल्द सुलझेगा. वहीं मऊ जिले के मोहम्मद साद निजामी अपनी परीक्षा दिए डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी परिणाम और भविष्य को लेकर परेशान हैं. उनका कहना है कि उन्होंने सरकार से इस समस्या का जल्द समाधान करने की गुहार लगाई है।

सरकार ने दिया आश्वासन
राज्य सरकार का कहना है कि इस मामले पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने भरोसा दिलाया है कि इन डिग्रियों के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सरकार छात्रों के हित में कोई ठोस समाधान निकालने की कोशिश कर रही है।

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