1/4/25 यूपी:- प्रयागराज में 2021 में हुए बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण को 5 याचिकाकर्ताओं को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। यह मुआवजा 6 सप्ताह के भीतर चुकाना होगा।
कोर्ट ने ध्वस्तीकरण को अमानवीय और अवैध बताया
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि मकान गिराने की प्रक्रिया में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। कोर्ट ने 24 घंटे के भीतर मकान गिराने को गलत ठहराया और इसे “अमानवीय और अवैध” करार दिया। अदालत ने कहा, “देश में कानून का शासन है और नागरिकों के आवासीय ढांचों को इस तरह से नहीं गिराया जा सकता। यह हमारी अंतरात्मा को झकझोर देने वाला मामला है। आश्रय का अधिकार और उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन अनिवार्य है।” मालूम हो कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।
गैंगस्टर अतीक अहमद से जोड़कर गिराए गए मकान
याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि सरकार ने उनके मकानों को इसलिए गिराया क्योंकि उन्हें लगा कि यह संपत्ति गैंगस्टर एवं राजनेता अतीक अहमद की है। अतीक अहमद की 2023 में हत्या हो गई थी। जिन लोगों के मकान गिराए गए, उनमें वकील जुल्फिकार हैदर और प्रोफेसर अली अहमद सहित अन्य शामिल थे।
अखिलेश यादव: घर सिर्फ पैसों से नहीं बनता
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर लिखा, “सच तो यह है कि घर सिर्फ पैसों से नहीं बनता, और उसके टूटने का घाव भी सिर्फ पैसों से नहीं भरा जा सकता। यह परिवार की भावनाओं से जुड़ा होता है। उन्होंने लिखा “परिवारवाला कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा सरकार।