सात वर्षीय बेटी के साथ यौन उत्पीड़न मामले में ‘सुप्रीम कोर्ट’ का ऐतिहासिक फ़ैसला आरोपी पिता को कहा- आप ज़मानत के हक़दार नहीं

29/5/25 :- सुप्रीम कोर्ट ने एक हैवान पिता की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपनी सजा को निलंबित करने का अनुरोध किया था. इस डॉक्टर पिता पर आरोप है कि उसने शराब के नशे में अपनी सात साल की बेटी का यौन उत्पीड़न किया था. गुरुवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शीर्ष अदालत ने कहा कि शराब पीने के बाद इंसान हैवान बन जाता है.

आप ज़मानत के हक़दार नहीं: SC

जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा कि आप किसी राहत के हकदार नहीं हैं. निचली अदालत ने दोषी ठहराया है और वह उसे कोई राहत देने के पक्ष में नहीं है. आपने बच्ची के साथ किस तरह की हरकत की है. आप अपनी बेटी के साथ ऐसा नहीं कर सकते. शराब पीने के बाद आदमी हैवान बन जाता है.सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि डॉक्टर को निचली अदालत ने दोषी ठहराया है और वह उसे कोई राहत देने के पक्ष में नहीं है.

डॉक्टर ने शराब के नशे में अपनी बेटी का यौन उत्पीड़न किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सजा निलंबित नहीं कर सकते. इसके बाद वकील ने याचिका वापस ले ली और मामले को वापस लिया मानकर खारिज कर दिया गया.

2018 का है मामला

दरअसल, मामला 2018 का है. डॉक्टर की पत्नी ने अपने पति पर बेटी के यौन शोषण का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि वह (पति) बेटी को हल्द्वानी ले गया और कुछ दिन बाद फोन किया कि बेटी को ले जाओ. बाद में बेटी ने बताया कि उसके पिता बुरे इंसान हैं. उसने बेटी को गलत तरीके से छुआ. डॉक्टर और उनकी पत्नी दोनों अलग-अलग रहती हैं. पति हल्द्वानी में रहता जबकि पत्नी बनारस में रहती है.

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