5/04/25 पश्चिम बंगाल:- 6 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर हिंदू संगठनों को हाईकोर्ट ने जुलूस निकालने की शर्तों के साथ अनुमति प्रदान की है. इस निर्णय के बाद, पश्चिम बंगाल सरकार ने सुरक्षा एजेंसियों को उच्च सतर्कता पर रखा गया।
राज्य सरकार ने रामनवमी के दौरान सुरक्षा को मजबूत करने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में 29 आईपीएस अधिकारियों की तैनाती की है और कोलकाता में पांच हजार पुलिसकर्मियों को तैनात करने का निर्देश भी दिया गया है. इसके अतिरिक्त, रामनवमी जुलूसों की तस्वीरें और वीडियो बनाने का निर्णय भी लिया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, रामनवमी के अवसर पर अशांति उत्पन्न करने की योजना की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है. इस संदर्भ में कोलकाता, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, पश्चिमी मेदिनीपुर, उत्तर-दक्षिण 24 परगना, अलीपुरद्वार, कूचबिहार सहित विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है।
ड्रोन से निगरानी
रविवार को रामनवमी के अवसर पर राज्य में दो हजार रैलियों का आयोजन किया जाएगा. भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने यह दावा किया है कि डेढ़ करोड़ हिंदू अपने घरों से बाहर निकलेंगे. किसी भी अनहोनी से बचने के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, और रैलियों की निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग करने की योजना बनाई गई है।
दो बार हो चुकी हिंसा
राज्य में पिछले दो वर्षों में रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. 2023 में हुगली और हावड़ा में जुलूस के समय पत्थरबाजी की एक घटना में तीन व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी।
रामनवमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक गतिविधियाँ बढ़ गई हैं. शुभेंदु ने नंदीग्राम में अयोध्या की तरह राममंदिर निर्माण की घोषणा की है, जिसकी आधारशिला रामनवमी के दिन रखी जाएगी. भाजपा ने स्पष्ट किया है कि यदि रैलियों पर कोई हमला हुआ, तो वे इसका विरोध करेंगे।