नवरात्री के दूसरे दिन की जाती है माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा

लखनऊ:- जो तप का आचरण करती हैं वही ब्रह्मचारिणी हैं

चैत्र नवरात्र का द्वितीय दिवस चैत्र कृष्ण पक्ष द्वितीया 31 मार्च दिन सोमवार को है। आज ही चैत्र कृष्ण पक्ष की द्वितीया के दिन भगवान का मत्स्यावतार हुआ था। इस दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है ब्रह्म का अर्थ तपस्या, चारणी का अर्थ आचरण करने वाली अर्थात जो तप का आचरण करती हैं वही ब्रह्मचारिणी है। आपका यह स्वरूप दाहिने हाथ में रुद्राक्ष की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल लिए हुए हैं। माता पार्वती का विवाह के पूर्व का यह स्वरूप है जो तपस्या में संलग्न हैं।

ब्रह्म चारियुतं शीलं यस्या: सा ब्रह्मचारिणी।
सच्चिदानंदमय ब्रह्मस्वरूप की प्राप्ति कराना जिनका स्वभाव हो, वे ब्रह्मचारिणी हैं।

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चंद्रघंटेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम_।।
पंचमं स्कंदमातेति षष्ठं कात्यायनी च।
सप्तमं कालरात्रिति महागौरीति चाष्टमम_।।
नवमं सिद्धीदात्री च नवदुर्गा प्रकीर्तिता:।
उक्तान्येतानि नामानि ब्रह्मणैव महात्मना।।

यह नवदुर्गा हैं जिनका प्रत्येक दिवस नवरात्रि में पूजन किया जाता है।

devotionallucknownavratriuputtarpradesh
Comments (0)
Add Comment