योगी सरकार की दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण से लेकर स्वरोजगार, पेंशन और निःशुल्क बस यात्रा तक व्यापक योजनाएँ

06/12/25 लखनऊ:- उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के सामाजिक, आर्थिक और सम्मानजनक पुनर्वासन को लेकर लगातार व्यापक कार्य कर रही है। विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर जारी आधिकारिक विवरण के अनुसार सरकार ने न केवल पेंशन योजनाओं में बढ़ोत्तरी की है, बल्कि रोजगार, शिक्षा, आवागमन और सम्मान से जुड़ी कई सुविधाओं का दायरा भी बढ़ाया है। सरकार का कहना है कि दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना ही उसका प्रमुख उद्देश्य है।

संविधान में प्रदत्त जीवन और स्वतंत्रता की गारंटी के अनुरूप दिव्यांगजन को हर संभव मदद पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने दिव्यांगता की श्रेणियों को 7 से बढ़ाकर 21 कर दिया है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में कुल 41.57 लाख दिव्यांगजन हैं, जिनमें ग्रामीण क्षेत्र के 31.66 लाख और शहरी क्षेत्र के 9.90 लाख दिव्यांगजन शामिल हैं।

दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान पेंशन में बढ़ोत्तरी

सरकार ने दिव्यांग भरण-पोषण पेंशन को 300 रुपये से बढ़ाकर पहले 500 रुपये और फिर दिसंबर 2021 से 1000 रुपये प्रति माह कर दिया। वित्तीय वर्ष 2025-26 में सरकार ने 11,57,556 दिव्यांगजन को इस योजना से लाभान्वित किया है। वर्ष 2016-17 में पेंशनर्स की संख्या 8,75,992 थी, जो वर्तमान में बढ़कर 11,57,556 हो चुकी है। यानी 2,81,564 नए दिव्यांगजन पेंशन के दायरे में आए हैं।

कुष्ठावस्था पेंशन 2500 से बढ़ाकर 3000 रुपये मासिक

कुष्ठ रोग से प्रभावित दिव्यांगजनों के लिए पेंशन को 2500 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया गया है। इस वर्ष अब तक 12,807 लाभार्थियों को पेंशन दी गई है, जबकि 2016-17 में इनकी संख्या मात्र 4,765 थी। यानी 8,042 नए कुष्ठजनित दिव्यांगजन चिन्हित कर लाभान्वित किए गए हैं।

दुकान निर्माण/संचालन योजना स्वरोजगार की राह आसान

स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले लोगों को दुकान निर्माण के लिए 20,000 रुपये और व्यवसाय संचालन के लिए 10,000 रुपये दे रही है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक 772 दिव्यांगजन को इसका लाभ मिला है। वर्ष 2017-18 से अब तक कुल 8,835 दिव्यांगजन इस योजना से लाभान्वित हो चुके हैं।

निःशुल्क बस यात्रा सुविधा राज्य की सीमा से बाहर तक मुफ्त यात्रा

राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में दिव्यांगजन को उनके अंतिम गंतव्य तक निःशुल्क यात्रा सुविधा दी जा रही है, भले ही गंतव्य उत्तर प्रदेश के बाहर ही क्यों न हो। वर्ष 2025-26 में अब तक 33.44 करोड़ रुपये निगम को भुगतान किए जा चुके हैं।

राज्य स्तरीय पुरस्कार 17 श्रेणियों में सम्मान

सरकार द्वारा दिव्यांगजन व उनसे जुड़ी संस्थाओं को 17 श्रेणियों में राज्य स्तरीय पुरस्कार दिए जाते हैं। पहले यह पुरस्कार राशि 5,000 रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है। इस वर्ष 30 दिव्यांगजन/संस्थाओं को सम्मानित किया गया।

यूडीआईडी कार्ड 16 लाख से अधिक कार्ड जारी

देशभर में एकीकृत पहचान देने वाली यूडीआईडी योजना के तहत प्रदेश में अब तक 19.74 लाख दिव्यांगजन का पंजीकरण हुआ, जिनमें से 16.23 लाख कार्ड जारी किए जा चुके हैं।

दिव्यांगजन से विवाह पर प्रोत्साहन राशि
दिव्यांगजन के विवाह हेतु युवक के दिव्यांग होने पर 15,000 रुपये, युवती के दिव्यांग होने पर 20,000 रुपये और दोनों के दिव्यांग होने पर 35,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 236 दंपतियों को लाभ मिला है। वर्ष 2017-18 से अब तक 6,129 दिव्यांग दंपतियों को लाभान्वित किया गया है।

प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि दिव्यांगजनों के जीवन में सुधार, आत्मनिर्भरता और सम्मान सुनिश्चित करना ही उसके प्रयासों का मूल केंद्र है।

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