पीएम मोदी का मिशन बिम्सटेक, क्या हैं इसके मायने?

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5/04/25 भारत :- बिम्सटेक अकेला ऐसा मंच है, जहां कूटनीति से ज्यादा भारत और उसके सदस्य देशों को उनकी साझा संस्कृति की डोर जोड़ती है. इसे एक एक्सटेंडेड फैमिली कह सकते हैं. भूटान, नेपाल, बांग्लादेश, थाईलैंड, श्रीलंका, म्यांमार और भारत एक परिवार का हिस्सा हैं. लेकिन इनमें से कुछ देशों के साथ बीते सालों में रिश्तों में खटास आई है. चीन और पाकिस्तान ने इस खुशहाल परिवार में दरार डालने की कोशिश की है. वह सफल भी रहे हैं. लेकिन पीएम मोदी अपने पड़ोसियों को एकजुट रखने के लिए बिम्सटेक के इसी मिशन पर थे. जरा इन मिलते हाथों के मायने समझिए।

पड़ोसी देशों के साथ पीएम मोदी की मुलाकात

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान  पीएम मोदी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से भी मिले. उन्होंने मुलाकात की तस्वीरें एक्स पर शेयर कर बताया कि भारत बांग्लादेश के साथ रचनात्मक और जन-केंद्रित संबंधों के लिए प्रतिबद्ध है. बता दें कि पीएम मोदी और यूनुस की मुलाकात के बाद चीन और पाकिस्तान को भी ये पता चल गया होगा कि भारत और उसके पड़ोसियों के बीच रिश्ते कैसे हैं. अब उनको संभलने की जरूरत है।

बैंकॉक में पीएम मोदी की मुलाकात नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ भी हुई. नेपाल हमेशा से भारत का अच्छा पड़ोसी रहा है. भारत ने हमेशा आगे बढ़कर नेपाल की मदद की है. चीन और पाकिस्तान जैसे देशों को ये समझने की जरूरत है कि हालात चाहे जो भी हों रिश्ते अब भी उतने ही सौहार्दपूर्ण हैं. पीएम ने एक्स पर लिखा कि भारत नेपाल के साथ संबंधों को बहुत प्राथमिकता देता है. दोनों के बीच भारत-नेपाल मैत्री के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई. इसमें खासकर ऊर्जा, कनेक्टिविटी, संस्कृति और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र शामिल रहे।

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी भूटान के पीएम से भी मिले. उन्होंने एक्स पर ट्वीट कर बताया कि अच्छे मित्र प्रधानमंत्री टोबगे के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई. भूटान संग भारत की दोस्ती बहुत मजबूत है. दोनों कई क्षेत्रों में व्यापक सहयोग कर रहे हैं।

पीएम मोदी गुरुवार को थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक पहुंचे थे. वहां उन्होंने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और अपने पड़ोसी देशों के प्रमुखों से मुलाकात कर एकजुटता का संदेश दिया. यहां से शुक्रवार को वह तीन दिन के दौरे पर श्रीलंका की राजधानी कोलंबो पहुंच गए. बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का अलग-अलग पड़ोसी देशों के प्रमुखों से मेलजोल और उनको एकजुट करने के उनके मिशन के तौर पर देखा जा रहा है, ताकि चीन और पााकिस्तान जैसे पड़ोसियों के खिलाफ एकजुट रहा जा सके।

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