भाजपा ने मणिपुर राज्य में 44 विधायकों को लेकर राज्यपाल को पेश किया सरकार बनाने का दावा

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28/5/25:- मणिपुर में 10 विधायकों ने बुधवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। इनमें 8 भाजपा, NPP और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं। इन्होंने दावा किया है इनके पास 44 विधायकों का समर्थन है। मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 31 है।

राज्यपाल से मुलाकात के बाद भाजपा विधायक थोकचोम राधेश्याम ने कहा कि कांग्रेस को छोड़कर 44 विधायक मणिपुर में सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। वहीं, निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह ने कहा- हमने राज्यपाल को एक पेपर दिया है, जिस पर 22 विधायकों ने साइन किए हैं। मणिपुर में सभी NDA विधायक सरकार बनाना चाहते हैं।

बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद लगा राष्ट्रपति शासन

मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है। 9 फरवरी को भाजपा सरकार का नेतृत्व करने वाले तत्कालीन सीएम एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। बीरेन सिंह पर राज्य में डेढ़ साल से ज्यादा समय तक चली हिंसा न रोक पाने के चलते काफी दबाव था।

मणिपुर में कुकी-मैतेई के बीच 3 मई, 2023 से अब तक हिंसा हो रही है। इन दो सालों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। 1500 से ज्यादा घायल हुए। 70 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हैं। 6 हजार से ज्यादा FIR दर्ज हुई हैं। विपक्षी पार्टियां हिंसा के मुद्दे पर लगातार NDA से सवाल पूछ रही थी।

अभी मणिपुर में 37 भाजपा विधायक, बहुमत से 6 ज्यादा

60 सीटों वाले मणिपुर विधानसभा में भाजपा के 37 विधायक हैं, यानी बहुमत के आंकड़े से 6 ज्यादा। इन 37 विधायकों में 27 मैतेई, 6 कुकी, 3 नगा और 1 मुस्लिम हैं। NDA के कुल 42 विधायक हैं। इसमें नेशनल पीपल्स फ्रंट (NPF) के भी 5 विधायक शामिल हैं। राज्य में कांग्रेस के 5 विधायक हैं।

राहुल ने कहा था- PM को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए

9 फरवरी को एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि हिंसा, जान-माल के नुकसान के बावजूद पीएम नरेंद्र मोदी ने एन बीरेन सिंह को पद पर बनाए रखा, लेकिन अब लोगों की तरफ से बढ़ते दबाव, सुप्रीम कोर्ट की जांच और कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव की वजह से एन बीरेन सिंह इस्तीफा देने को मजबूर हो गए।

X पोस्ट में उन्होंने कहा कि इस वक्त सबसे जरूरी बात यह है कि राज्य में शांति बहाल की जाए और मणिपुर के लोगों के घावों को भरने का काम किया जाए। पीएम मोदी को तुरंत मणिपुर जाना चाहिए, वहां के लोगों की बात सुननी चाहिए और यह बताना चाहिए कि वे हालात सामान्य करने के लिए क्या योजना बना रहे हैं।

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