पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन “आदित्य” ने खुद को दोषी मानते हुए कहा:- मैंने झांसी में एयरपोर्ट के लिए काफी प्रयास किए थे,अगर जनता का मैं दोबारा विश्वास जीतता तो……..
28/5/25 झांसी :- जनपद झांसी में एयरपोर्ट का निर्माण न हो पाने और इसके बजाय जनपद सीमा से सटे मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित उन्नाव बालाजी में एयरपोर्ट बनने को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने खुद को दोषी ठहराया है। बुधवार को मीडिया को जारी एक बयान में उन्होंने इस मुद्दे पर खुलकर बात की।
प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि देश में किसी भी क्षेत्र का विकास तब होता है जब कोई महानगर मुख्यधारा में आता है और वह एयर पोर्ट कनेक्टिविटी से जुड़ता है। उन्होंने बताया कि जब वह सांसद थे, तब उन्होंने झांसी में एयरपोर्ट के लिए काफी प्रयास किए थे। एविएशन की टीम भी जनपद आई थी और ग्वालियर रोड पर हवाई अड्डे के विस्तार पर लगभग सहमति बन गई थी। इसके बाद सफा-चमरउआ में भी जमीन फाइनल हो गई थी। हालांकि, उस दौरान प्रदेश की बसपा सरकार ने अप्रूवल नहीं दिया और आचार संहिता लग गई।
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने चुनाव में इसे एक बड़ा मुद्दा बनाया और इसके लिए पूरी मेहनत भी की। लेकिन बाद में भाजपा सरकार बनने पर कई जगहों पर हवाई अड्डे का प्रस्ताव दिखाकर केवल जमीनों की कीमत बढ़ाई गई। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के बयानों के बाद भी झांसी में हवाई अड्डा नहीं बन पाया।
प्रदीप जैन आदित्य ने स्वीकार किया कि “उस समय एयरपोर्ट न बनने का सबसे बड़ा दोषी मैं हूं, क्योंकि अगर जनता का मैं विश्वास जीतता तो अगली बार फिर चुना जाता। तो मैं एयरपोर्ट जरूर बनवाता।” उन्होंने अपने सांसद कार्यकाल में कराए गए अन्य विकास कार्यों का भी उल्लेख किया, जिनमें एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, रेल लाइन का दोहरीकरण, सैनिक स्कूल आदि शामिल हैं।
अंत में, उन्होंने झांसी के सभी जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों और गणमान्य नागरिकों से एकजुट होने और प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री से मिलकर झांसी में एयरपोर्ट बनाने की पुरजोर मांग रखने का आह्वान किया। उनका मानना है कि तभी जनपद में एयरपोर्ट जल्द से जल्द बन पाएगा।