‘गोवर्धन ही भगवान श्री कृष्ण हैं’ – धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडे

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21/10/25:- आप सभी को अन्नकूट और गोवर्धन पूजा की बहुत-बहुत बधाई बहुत-बहुत मंगल कामनाएं। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट मनाया जाता है। दिनांक 22 अक्टूबर दिन बुधवार को गोवर्धन पूजा एवं अन्न कूट मनाया जा रहा है।
7 वर्ष 2 माह 10 दिन के कन्हैया ने 7 दिन 7 रात 7 कोस के गोवर्धन को अपने बाएं हाथ की कनिष्ठा पर धारण किया था। इंद्र ने संवर्तक नामक मेघ को भेजा। जिसकी जल की बूंदें वृक्ष के तने के समान मोटी थीं, अगाध वृष्टि जब होने लगी तो कन्हैया ने गोवर्धन पर्वत को अपने बांये हांथ की कनिष्ठा उंगली पर उठा लिया। ग्वाल बाल गोवर्धन के नीचे अपनी लाठी लगाकर खड़े हो गए। ग्वाल बालों ने पूछा कन्हैया गोवर्धन को कैसे तुमने धारण किए रह्यो।

भगवान श्री कृष्ण बोल़े ,” कछु माखन को बल मिल्यो कछु ग्वालन कीन्ह सहाय। राधा जी की कृपा से मैंने गोवर्धन लियौ उठाय”।

संसार में जितने भी मंदिर और श्री विग्रह भगवान के हैं वह सब किसी न किसी व्यक्ति के द्वारा निर्मित किए गए हैं, किंतु तीन स्थानों पर ठाकुर जी स्वयं विराजमान है। प्रथम बद्रीनाथ में नर नारायण के स्वरूप में, द्वितीय श्री वेंकटेश भगवान के रूप में वेंकटाचल की पहाड़ियों पर जिन्हें बालाजी तिरुपति कहते हैं तथा तीसरे वृंदावन में ठाकुर जी गोवर्धन के रूप में विराजित हैं।
भगवान श्री कृष्ण ही गोवर्धन हैं, और गोवर्धन ही भगवान श्री कृष्ण हैं।

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