किसानों को लोन लेने के लिए सिविल स्कोर बनी बड़ी बाधा, नहीं मिल पा रहा लोन, बैंक झाड़ रहे अपना पल्ला

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किसानों को लोन मिलने में मुश्किल क्यों हो रही है? यह सवाल संसद तक पहुंच गया है। लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा गया कि क्या कम सिबिल स्कोर की वजह से सरकारी बैंक किसानों को लोन देने से इनकार कर रहे हैं? हालांकि, उनके जवाब में इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं दी गई। उन्होंने सिर्फ यह बताया कि सरकार कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज को आसान बनाने के प्रयास कर रही है।

देश के कई हिस्सों से रिपोर्ट मिली है कि सरकारी बैंक खराब सिबिल स्कोर वाले किसानों को लोन देने से मना कर रहे हैं। महाराष्ट्र में यह मुद्दा खास तौर पर चर्चा में रहा, जहां कई किसानों को कम सिबिल स्कोर के कारण बैंक से कर्ज नहीं मिल सका। इस पर महाराष्ट्र सरकार ने बैंकों को चेतावनी तक दी थी कि अगर वे किसानों को लोन देने से इनकार करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अब यह मामला संसद में भी गूंजने लगा है।

सिबिल स्कोर क्या है और इसका किसानों पर क्या असर पड़ता है?

CIBIL स्कोर एक क्रेडिट रिपोर्टिंग सिस्टम है, जो यह तय करता है कि कोई व्यक्ति या बिजनेस कर्ज चुकाने में कितना सक्षम है। आमतौर पर 300 से 900 के बीच का स्कोर होता है और बैंकों के लिए यह तय करने का आधार बनता है कि लोन दिया जाए या नहीं। 750+ स्कोर लोन आसानी से मंजूर होता है। जबकि 600-750 स्कोर लोन मंजूरी में दिक्कत हो सकती है। और 600 से कम स्कोर होने पर लोन मिलने की संभावना बेहद कम होती है। किसानों की समस्या यह है कि उनके पास कोई स्थायी इनकम सोर्स नहीं होता, जिससे कई बार वे समय पर लोन नहीं चुका पाते और उनका सिबिल स्कोर खराब हो जाता है। यही वजह है कि बैंक उन्हें नए लोन देने से मना कर रहे हैं। हालाँकि सिविल स्कोर का यह नियम सभी व्यक्तियों पर लागु होता है।

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