पहलगाम हमले के हमलावर की हो गई पहचान, पाकिस्तान में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंस फ्रंट से जुड़ा है आतंकी हाशिम मूसा

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30/3/25 J&K:- पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. सुरक्षा एजेंसियों ने पहलगाम हमले के हमलावर की पहचान कर ली है. यह आतंकी कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) से जुड़ा कुख्यात आतंकवादी हाशिम मूसा है. हाशिम मूसा उन चार आतंकवादियों में भी शामिल जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया था और 26 निर्दोष लोगों को गोली मार दी थी.

सूत्रों के अनुसार, दावा यह भी किया जा रहा है कि इस हमले की पूरी साजिश पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के निर्देश पर रची गई थी. ISI के इंडिया डेस्क प्रमुख ब्रिगेडियर खालिद शहजाद और ISI प्रमुख आसिम मलिक के साथ-साथ पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर तक इस साजिश में शामिल थे.

भारत की शांति को भंग करने की साजिश

पहलगाम हमला एक बार फिर साबित करता है कि पाकिस्तान की जमीन से संचालित आतंकी संगठन भारत की शांति और स्थिरता को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं. पूरे देश में इस घटना के बाद से गुस्सा और लोग पाकिस्तान पर सख्त एक्शन की मांग कर रहे हैं. घटना के विरोध में जम्मू-कश्मीर के लोग भी सड़क पर उतर आए थे और आतंकवादियों के खिलाफ सख्त एक्शन की मांग कर रहे हैं.

चरम पर है दोनों देशों के बीच तनाव

इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को और भी बढ़ा दिया है. भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी और 26 निर्दोष लोगों की मौत का बदला लिया जाएगा. घटना को अंजाम देने वाले आतंकियों और उनके आकाओं को छोड़ा नहीं जाएगा. हमले में मारे गए पर्यटकों के परिवारों के प्रति भारत सरकार ने अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है और दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने का आश्वासन भी दिया है.

भारत की सेनाएं हाई अलर्ट पर

पहलगाम अटैक के बाद से भारत की तीनों सेनाएं पूरी तरह से अलर्ट मोड में हैं. जम्मू-कश्मीर में चप्पे-चप्पे में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. पुलिस और सुरक्षाबलों की ओर से पहलगाम और उसके आसपास के इलाकों से करीब 1500 लोगों से हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है. कई लोगों से अभी भी पूछताछ चल रही है.

पाकिस्तान के खिलाफ सख्त एक्शन

घटना के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को लेकर सख्त एक्शन भी लिया जिसमें सिंधु जल समझौता को स्थगित कर दिया है. सरकार ने दिल्ली स्थिति पाकिस्तानी उच्चायोग में 5 अधिकारियों की कटौती करने का भी निर्देश दिया. इसके साथ-साथ अटारी वाघा बॉर्डर पर को भी बंद कर दिया गया है. भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही है.

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