सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: एक घटना से किसी को ‘गैंगस्टर’ नहीं कहा जा सकता

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18/6/25 Supreme Court:‐ सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, 1986 को लेकर अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि केवल एक आपराधिक घटना में शामिल होने भर से किसी व्यक्ति पर गैंगस्टर एक्ट लागू नहीं किया जा सकता, जब तक उसके खिलाफ लगातार संगठित अपराध में शामिल होने के ठोस सबूत न हों।

गिरोह में शामिल बताने के लिए सिर्फ आरोपियों की संख्या, भूमिका या एक घटना में सहभागिता काफी नहीं है।
सांप्रदायिक हिंसा में भाग लेना भी तब तक गैंगस्टर एक्ट के तहत अपराध नहीं माना जाएगा जब तक उसकी गतिविधियां संगठित और निरंतर अपराध की श्रेणी में न आती हों।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा, “एक घटना से गिरोह नहीं बनता।”

यह फैसला असामाजिक गतिविधियों पर कानूनों के दुरुपयोग को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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