योगी कैबिनेट का अहम फैसला आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए निगम की मंजूरी

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03/9/25 लखनऊ:- राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के लगातार प्रयास से कर्मचारियों के बीच में आई यह सफलता
मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से किया हुआ एक और वादा निभाया।
मुख्यमंत्री को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद एवं 9 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों की तरफ से इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए बहुत-बहुत आभार एवं बधाई।
प्रदेश के सभी आउटसोर्स कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की तरफ से बधाई।
योगी मंत्रिमंडल में आउटसोर्स कर्मचारियों के बारे में बहु प्रतीक्षित निर्णय पर मुहर लग गई।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने विगत 2 वर्ष पहले आउटसोर्स कर्मचारियों के शोषण की आवाज मुख्यमंत्री तक पहुंचाई थी। सेवा प्रदाता एजेंसियों द्वारा शोषित आउटसोर्स कर्मचारियों का न्यूनतम मानदेय निर्धारित किए जाने तथा उनकी सेवा शर्तों में सुधार किए जाने का प्रस्ताव संयुक्त परिषद ने दिया था।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी, महामंत्री अरुणा शुक्ला एवं कोषाध्यक्ष नितिन गोस्वामी ने संयुक्त परिषद के कार्यालय जियामऊ में आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अवगत कराया कि आउटसोर्स कर्मचारियों के न्यूनतम मानदेय निर्धारण में हो रहे विलंब को लेकर राजनीति शुरू हो गई थी। सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही थी ,लेकिन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद को मुख्यमंत्री जी के वायदे एवं उनके दृढ़ निश्चय पर पूरा विश्वास था।

आज मंत्रिमंडल से आउटसोर्स कर्मचारियों के निगम को हरी झंडी देकर मुख्यमंत्री जी ने सभी विरोधियों के मुंह पर ताला लगा दिया। अब इस पर कोई राजनीति नहीं होगी। आउटसोर्स कर्मियों को 16000 से लेकर 20000 तक न्यूनतम मानदेय मिलेगा ।उनकी तैनाती भी अब केवल सृजित पद के सापेक्ष ही की जाएगी।

आउटसोर्स कर्मी तीन साल के लिए नियुक्त किए जाएंगे तथा कार्य व्यवहार सही होने पर उनकी सेवाएं आगे भी बढ़ाई जाएंगी। सेवा प्रदाता एजेंसी को आउटसोर्स कर्मचारियों को निकालने का कोई अधिकार नहीं होगा। सेवा प्रदाता एजेंसी अब आउटसोर्स कर्मियों का शोषण भी नहीं कर पाएगी। उनको कम मानदेय का भुगतान भी नहीं हो पाएगा।

प्रत्येक महीने की 1 से 5 तारीख तक आउटसोर्स कर्मियों के मानदेय का भुगतान सीधे उनके खाते में किए जाने का निर्णय भी लिया गया है। ई एस आई एवं प्रोविडेंट फंड से संबंधित कटौतियों एवं लाभ भी सीधे बैंक खातों के माध्यम से ही होगा।

आउटसोर्स कर्मियों में आरक्षण की सुविधा प्रदान कर सरकार ने इस सेवा को नियमित सेवा के बराबर कर दिया है। शासन के इस निर्णय से आउटसोर्स कर्मियों को आगे नियमित किए जाने का रास्ता खुल जाएग । वर्तमान में कार्य कर रहे हैं आउटसोर्स कर्मी सेवा से अलग नहीं किए जाएंगे उनको आउटसोर्स सेवा में समायोजित किया जाएगा।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने आउटसोर्स कर्मियों के इस निर्णय के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का आभार व्यक्त किया है। संयुक्त परिषद माननीय मुख्यमंत्री का सम्मान भी करेगी। आउटसोर्स कर्मियों के चेहरे पर आज मुस्कान खिल गई है। उनके मुरझाए हुए चेहरे खिल गए हैं। अब आउटसोर्स कर्मियों के परिवार भी सम्मान के साथ जी सकेंगे।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जे एन तिवारी ने मुख्यमंत्री जी से अनुरोध किया है कि आउटसोर्स कर्मचारियों को 60 वर्ष तक सेवा संरक्षण प्रदान किए जाने की व्यवस्था भी आउटसोर्स कर्मचारी निगम के प्रावधानों में शामिल की जानी चाहिए ताकि नवयुवकों का भविष्य खराब ना हो।

प्रदेश के 9 लाख आउट सोर्स कर्मियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।

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